सभी हिंदी शायरी

नज़र के ज़ाविए अक्सर मिला के देखे हैं

नज़र के ज़ाविए अक्सर मिला के देखे हैं ...

rana-khalid-mahmood-qaiser

मैं ग़म की कहानी सुनाता रहूँगा

मैं ग़म की कहानी सुनाता रहूँगा ...

rana-khalid-mahmood-qaiser

जगमगाते हुए नगीनों ने

जगमगाते हुए नगीनों ने ...

rana-khalid-mahmood-qaiser

हम ज़ीस्त 'ऐन-ए-मर्ज़ी-ए-यज़्दाँ न कर सके

हम ज़ीस्त 'ऐन-ए-मर्ज़ी-ए-यज़्दाँ न कर सके ...

rana-khalid-mahmood-qaiser

फ़ितरतन अपने ही 'आलम से थी घबराई हुई

फ़ितरतन अपने ही 'आलम से थी घबराई हुई ...

rana-khalid-mahmood-qaiser

चमन में सबा के गुज़रने का ग़म है

चमन में सबा के गुज़रने का ग़म है ...

rana-khalid-mahmood-qaiser

'अजब अपनी हालत ये हम देखते हैं

'अजब अपनी हालत ये हम देखते हैं ...

rana-khalid-mahmood-qaiser

मेरी आँखें ये कहा करती हैं अक्सर मुझ से

मेरी आँखें ये कहा करती हैं अक्सर मुझ से

rajesh-reddy

हर तरह के झूठ से इंकार होना चाहिए

हर तरह के झूठ से इंकार होना चाहिए ...

raghvendra-dwivedi

या-रब मिरे माज़ी का ख़सारा मुझे मिल जाए

या-रब मिरे माज़ी का ख़सारा मुझे मिल जाए ...

qamar-malal

वो हसीं घड़ी वो सुनहरा पल नहीं भूलता

वो हसीं घड़ी वो सुनहरा पल नहीं भूलता ...

qamar-malal

'क़मर' हाँ में बदली नहीं रफ़्ता-रफ़्ता

'क़मर' हाँ में बदली नहीं रफ़्ता-रफ़्ता ...

qamar-malal

पहुँचा इसी बहाने मिरा फ़न कमाल को

पहुँचा इसी बहाने मिरा फ़न कमाल को ...

qamar-malal

नहीं है यूँ कि फ़क़त रात ही नहीं कटनी

नहीं है यूँ कि फ़क़त रात ही नहीं कटनी ...

qamar-malal

न किसी हिर्स न हवस के लिए

न किसी हिर्स न हवस के लिए ...

qamar-malal

करता हूँ बिन तिरे यूँही अक्सर गुज़र-बसर

करता हूँ बिन तिरे यूँही अक्सर गुज़र-बसर ...

qamar-malal

हिसार-ए-निकहत-ए-गुल में सर-ए-बहार था मैं

हिसार-ए-निकहत-ए-गुल में सर-ए-बहार था मैं ...

qamar-malal

हिम्मत कर के पार उतरना दिल छोटा मत करना

हिम्मत कर के पार उतरना दिल छोटा मत करना ...

qamar-malal

दर्द है रंज है कुल्फ़त है अलम है ग़म है

दर्द है रंज है कुल्फ़त है अलम है ग़म है ...

qamar-malal

अपनों के साथ जब कोई होता है हादिसा

अपनों के साथ जब कोई होता है हादिसा ...

qamar-malal
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