सभी हिंदी शायरी
मरीज़-ए-मोहब्बत उन्हीं का फ़साना सुनाता रहा दम निकलते निकलते
मरीज़-ए-मोहब्बत उन्हीं का फ़साना सुनाता रहा दम निकलते निकलते ...
हुआ शब को 'अबस मय के लिए जाना तो क्या होगा
हुआ शब को 'अबस मय के लिए जाना तो क्या होगा ...
शराब जैसी हैं उस की आँखें है उस का चेहरा किताब जैसा
शराब जैसी हैं उस की आँखें है उस का चेहरा किताब जैसा ...
किसी भी अजनबी से दिल लगा कर क्या करेंगे हम
किसी भी अजनबी से दिल लगा कर क्या करेंगे हम ...
हमें ग़ज़लें तो आती हैं तराने पर नहीं आते
हमें ग़ज़लें तो आती हैं तराने पर नहीं आते ...
छलावा हो परी हो हूर हो महशर-लक़ा तुम हो
छलावा हो परी हो हूर हो महशर-लक़ा तुम हो ...
बना दुर्दाना-ए-तस्बीह याद-ए-हक़ में हर आँसू
बना दुर्दाना-ए-तस्बीह याद-ए-हक़ में हर आँसू ...