हम उस गली का बड़ा एहतिराम करते हैं

By qamar-jalalviFebruary 28, 2024
हम उस गली का बड़ा एहतिराम करते हैं
कि जो भी मिलता है उस को सलाम करते हैं
जनाब-ए-शैख़ ये मय-ख़ाना और ये वा'ज़-ए-तवील
हुज़ूर काहे को पीना हराम करते हैं


इलाही उन की समझ में बयान-ए-ग़म आ जाए
ज़बाँ ख़मोश है आँसू कलाम करते हैं
ख़ुदा ही जाने अब आदाब-ए-बंदगी क्या हों
जिन्हें कि सज्दे हैं लाज़िम कलाम करते हैं


'अजीब होता है महफ़िल में उन का रू-ए-सुख़न
हर इक समझता है मुझ से कलाम करते हैं
'क़मर' हिलाल समझ कर जो देखते हैं मुझे
गले तो मिल नहीं सकते सलाम करते हैं


34966 viewsghazalHindi