बरसात प्यार की वो धुआँ-धार कर गए

By prabhat-patelFebruary 28, 2024
बरसात प्यार की वो धुआँ-धार कर गए
यादों में अपनी हम को गिरफ़्तार कर गए
फिर दोस्ती के नाम पे वो वार कर गए
मंसूबों का वो अपने यूँ इज़हार कर गए


दिल की ज़मीं को रौंद के बेकार कर गए
दौलत ग़मों की दे के ज़मीं-दार कर गए
दे कर फ़रेब हम को समझदार कर गए
और ए'तिबार से यूँ ख़बर-दार कर गए


यूँ महफ़िलों में जाना तबी'अत नहीं मिरी
जाना पड़ा कुछ ऐसे वो इसरार कर गए
दो-चार पल ही आए ख़ुशी के थे उस के बा'द
हर लम्हा मेरी ज़ीस्त का दुश्वार कर गए


51015 viewsghazalHindi