तुम जिसे कहते हो ख़सलत मुझे ले डूबेगी
By prabhat-patelFebruary 28, 2024
तुम जिसे कहते हो ख़सलत मुझे ले डूबेगी
सब को ख़ुश रखने की हसरत मुझे ले डूबेगी
हर घड़ी तेरी ज़रूरत मुझे ले डूबेगी
तेरी इतनी ये 'इनायत मुझे ले डूबेगी
तन्हा मुझ को तो कभी छोड़ मिरे हमदम तू
तेरी हर लम्हे की 'आदत मुझे ले डूबेगी
मशवरा तेरा तुझे भूल मैं जाऊँ लेकिन
तेरी यादों से ये मोहलत मुझे ले डूबेगी
दरिया हूँ मैं मिरी फ़ितरत है मुसलसल बहना
तेरी चाहत की ये शिद्दत मुझे ले डूबेगी
शहर में तेरे मोहब्बत भी बिका करती है
दिल में पैवस्त ये उल्फ़त मुझे ले डूबेगी
अब चलन देख के दुनिया का यही समझा हूँ
दौर-ए-हाज़िर में शराफ़त मुझे ले डूबेगी
सब को ख़ुश रखने की हसरत मुझे ले डूबेगी
हर घड़ी तेरी ज़रूरत मुझे ले डूबेगी
तेरी इतनी ये 'इनायत मुझे ले डूबेगी
तन्हा मुझ को तो कभी छोड़ मिरे हमदम तू
तेरी हर लम्हे की 'आदत मुझे ले डूबेगी
मशवरा तेरा तुझे भूल मैं जाऊँ लेकिन
तेरी यादों से ये मोहलत मुझे ले डूबेगी
दरिया हूँ मैं मिरी फ़ितरत है मुसलसल बहना
तेरी चाहत की ये शिद्दत मुझे ले डूबेगी
शहर में तेरे मोहब्बत भी बिका करती है
दिल में पैवस्त ये उल्फ़त मुझे ले डूबेगी
अब चलन देख के दुनिया का यही समझा हूँ
दौर-ए-हाज़िर में शराफ़त मुझे ले डूबेगी
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