सभी हिंदी शायरी

चलते चलते साथी कोई बिछड़ा तो अफ़सोस हुआ

चलते चलते साथी कोई बिछड़ा तो अफ़सोस हुआ ...

irfan-aazmi

अक़दार-ए-कुहन हाथ से जाने नहीं देता

अक़दार-ए-कुहन हाथ से जाने नहीं देता ...

irfan-aazmi

अफ़्साना दुहराने से क्या होता है

अफ़्साना दुहराने से क्या होता है ...

irfan-aazmi

ये मिरे घर के तीन चार दरख़्त

ये मिरे घर के तीन चार दरख़्त ...

ikram-arfi

हम जैसों का ख़याल किसी ने नहीं किया

हम जैसों का ख़याल किसी ने नहीं किया ...

ikram-arfi

होश आने के बा'द दूध पिया

होश आने के बा'द दूध पिया ...

ikram-arfi

गाड़ियों से न तेरी कोठियों से

गाड़ियों से न तेरी कोठियों से ...

ikram-arfi

दर-ए-हवस पे शराफ़त ने घुटने टेक दिए

दर-ए-हवस पे शराफ़त ने घुटने टेक दिए ...

ikram-arfi

बाग़ से मुत्तसिल है एक गली

बाग़ से मुत्तसिल है एक गली ...

ikram-arfi

वहशत में क्या शक है जी

वहशत में क्या शक है जी ...

hina-ambareen

वफ़ूर-ए-रहमत-ए-परवरदिगार होता था

वफ़ूर-ए-रहमत-ए-परवरदिगार होता था ...

hina-ambareen

उजड़े हुए रस्ते हम

उजड़े हुए रस्ते हम ...

hina-ambareen

तिरे बिछड़ने का दुख अपने ख़ानदान का दुख

तिरे बिछड़ने का दुख अपने ख़ानदान का दुख ...

hina-ambareen

रंगत चेहरा आँखें 'आरिज़ लब धुतकारेगा

रंगत चेहरा आँखें 'आरिज़ लब धुतकारेगा ...

hina-ambareen

नींद पलकों के किनारों पे धरी रहती है

नींद पलकों के किनारों पे धरी रहती है ...

hina-ambareen

क्यों तोड़ दिए जाते हैं समर कमज़ोर शजर की डालियों से

क्यों तोड़ दिए जाते हैं समर कमज़ोर शजर की डालियों से ...

hina-ambareen

ख़ुद-साख़्ता सज़ा को जो हम चुन लिए गए

ख़ुद-साख़्ता सज़ा को जो हम चुन लिए गए ...

hina-ambareen

खिल उठे सुख के फूल चारों तरफ़

खिल उठे सुख के फूल चारों तरफ़ ...

hina-ambareen

फ़लक से उन को ख़ुदा के सलाम आते हैं

फ़लक से उन को ख़ुदा के सलाम आते हैं ...

hina-ambareen

दिल मुलम्मा'-साज़ियों से भर गए

दिल मुलम्मा'-साज़ियों से भर गए ...

hina-ambareen
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