दर-ए-हवस पे शराफ़त ने घुटने टेक दिए

By ikram-arfiFebruary 6, 2024
दर-ए-हवस पे शराफ़त ने घुटने टेक दिए
ग़रीब घर की ज़रूरत ने घुटने टेक दिए
हवस-नज़ाद प्रोफ़ेसरों ने ज़ुल्म किया
किताब छोड़ के 'इफ़्फ़त ने घुटने टेक दिए


सुना है आज किसी माफ़िया की पेशी थी
सुना है आज 'अदालत ने घुटने टेक दिए
क़रीब था कि मिरे हक़ में बोलता इंसाफ़
मुक़द्दमे की समा'अत ने घुटने टेक दिए


ग़ुलाम देख के शहज़ादी ने सलाम किया
तो बादशाह सलामत ने घुटने टेक दिए
हमारे दम से मोहब्बत का बोल-बाला था
हमारे बा'द मोहब्बत ने घुटने टेक दिए


हमारी प्यार की 'आदत नहीं गई 'इकराम'
हमारे सामने 'आदत ने घुटने टेक दिए
32178 viewsghazalHindi