हम जैसों का ख़याल किसी ने नहीं किया
By ikram-arfiFebruary 6, 2024
हम जैसों का ख़याल किसी ने नहीं किया
इस बात का मलाल किसी ने नहीं किया
होती रही हैं जिन की तरफ़ से 'इनायतें
दरवेश को निहाल किसी ने नहीं किया
सब लोग मुंतज़िर हैं कि दरवाज़ा कुछ कहे
दीवार से सवाल किसी ने नहीं किया
तस्ख़ीर तो किया है किसी के जमाल ने
पाबंद-ए-ख़द्द-ओ-ख़ाल किसी ने नहीं किया
बे-मिस्ल की मिसाल अगर दी तो हम ने दी
ये कार-ए-बे-मिसाल किसी ने नहीं किया
चारा-गरान-ए-ज़ख़्म को फिर भी मिरा सलाम
हालाँकि इंदिमाल किसी ने नहीं किया
'इकराम' शाम-ए-हिज्र गुज़रने के बावजूद
शर्मिंदा-ए-विसाल किसी ने नहीं किया
इस बात का मलाल किसी ने नहीं किया
होती रही हैं जिन की तरफ़ से 'इनायतें
दरवेश को निहाल किसी ने नहीं किया
सब लोग मुंतज़िर हैं कि दरवाज़ा कुछ कहे
दीवार से सवाल किसी ने नहीं किया
तस्ख़ीर तो किया है किसी के जमाल ने
पाबंद-ए-ख़द्द-ओ-ख़ाल किसी ने नहीं किया
बे-मिस्ल की मिसाल अगर दी तो हम ने दी
ये कार-ए-बे-मिसाल किसी ने नहीं किया
चारा-गरान-ए-ज़ख़्म को फिर भी मिरा सलाम
हालाँकि इंदिमाल किसी ने नहीं किया
'इकराम' शाम-ए-हिज्र गुज़रने के बावजूद
शर्मिंदा-ए-विसाल किसी ने नहीं किया
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