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आनंदी

बलदिया का इजलास ज़ोरों पर था। हाल खचाखच भरा हुआ था और खिलाफ़-ए-मा’मूल एक मेम्बर भी ग़ैर-हाज़िर न था। बलदिया के ज़ेर-ए-बहस मस्अला ये था कि ज़नान-बाज़ारी को श...

ग़ुलाम-अब्बास

वापसी का टिकट

इंसान ने इंसान को ईज़ा पहुँचाने के लिए जो मुख़्तलिफ़ आले और तरीक़े इख़्तियार किए हैं उनमें सबसे ज़ियादा ख़तरनाक है टेलीफ़ोन साँप के काटे का मंत्र तो हो स...

ख़्वाजा-अहमद-अब्बास

रूपा

नीम सार से आगे क्रिया के अंधेरे जंगल के निकलते ही गोमती मग़रूर हसीनाओं की तरह दामन उठाकर चलती है... दूर तक फैले हुए रेतीले चमचमाते दामन में नबी नगर घड...

क़ाज़ी-अबदुस्सत्तार

वकालत

मंज़ूर है गुज़ारिश-ए-अहवाल-ए-वाक़ई ...

मिर्ज़ा-अज़ीम-बेग़-चुग़ताई

आज के लैला मजनूँ

एक थी लैला, एक था मजनूँ। मगर लैला का नाम लैला नहीं था, लिली था, लिली डी सूज़ा। ...

ख़्वाजा-अहमद-अब्बास

शाख़ के बा'द ज़मीं से भी जुदा होना है

शाख़ के बा'द ज़मीं से भी जुदा होना है ...

irfan-siddiqi

हूँ मुश्त-ए-ख़ाक मगर कूज़ा-गर का मैं भी हूँ

हूँ मुश्त-ए-ख़ाक मगर कूज़ा-गर का मैं भी हूँ ...

irfan-siddiqi

ज़िंदगी में रंग भर के मर गए

ज़िंदगी में रंग भर के मर गए ...

irfan-aazmi

यास-ओ-हसरत की ज़र्ब कारी है

यास-ओ-हसरत की ज़र्ब कारी है ...

irfan-aazmi

याद तुम्हारी आई है बरसातों में

याद तुम्हारी आई है बरसातों में ...

irfan-aazmi

तंग-नज़री में हर इक दाना की दानाई गई

तंग-नज़री में हर इक दाना की दानाई गई ...

irfan-aazmi

तड़प जाता है दिल जब दूरियों की बात होती है

तड़प जाता है दिल जब दूरियों की बात होती है ...

irfan-aazmi

सुब्ह आई भी तो कुहरों में इज़ाफ़ा हो गया

सुब्ह आई भी तो कुहरों में इज़ाफ़ा हो गया ...

irfan-aazmi

साहिल पे कोई डूब के उभरा न दुबारा

साहिल पे कोई डूब के उभरा न दुबारा ...

irfan-aazmi

सहाब हूँ तपिश-ए-आफ़्ताब कैसे दूँ

सहाब हूँ तपिश-ए-आफ़्ताब कैसे दूँ ...

irfan-aazmi

मलाल सर पे क़यामत उठाने लगता है

मलाल सर पे क़यामत उठाने लगता है ...

irfan-aazmi

मैं ने तिरी बस्ती के ये देखे हैं नज़ारे

मैं ने तिरी बस्ती के ये देखे हैं नज़ारे ...

irfan-aazmi

ख़ूँ में डूबी हुई लाशों की तरफ़ क्या देखूँ

ख़ूँ में डूबी हुई लाशों की तरफ़ क्या देखूँ ...

irfan-aazmi

हवा का हाथ पकड़ कर यहाँ जो चलता है

हवा का हाथ पकड़ कर यहाँ जो चलता है ...

irfan-aazmi

इक न इक शाख़ तमन्ना की हरी रहती है

इक न इक शाख़ तमन्ना की हरी रहती है ...

irfan-aazmi
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