गाड़ियों से न तेरी कोठियों से
By ikram-arfiFebruary 6, 2024
गाड़ियों से न तेरी कोठियों से
दुनिया चलती है चंद रोटियों से
दिल में आए कोई खरी 'औरत
ये कुआँ भर गया है खोटियों से
आप को ख़ौफ़ है नशेबों का
मैं गिरा हूँ बुलंद चोटियों से
प्यार अन्क़ा है जब जहाँ से मिले
गोरियों कालियों कलूटियों से
आख़िरी अंजुमन सजाऊँगा
नए यारों से और लंगोटियों से
मेहरबाँ सी दु'आ सलाम 'इकराम'
बड़ी बहनों की जैसे छोटियों से
दुनिया चलती है चंद रोटियों से
दिल में आए कोई खरी 'औरत
ये कुआँ भर गया है खोटियों से
आप को ख़ौफ़ है नशेबों का
मैं गिरा हूँ बुलंद चोटियों से
प्यार अन्क़ा है जब जहाँ से मिले
गोरियों कालियों कलूटियों से
आख़िरी अंजुमन सजाऊँगा
नए यारों से और लंगोटियों से
मेहरबाँ सी दु'आ सलाम 'इकराम'
बड़ी बहनों की जैसे छोटियों से
84228 viewsghazal • Hindi