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अफ़्सुर्दगी निकले न जब अफ़्सुर्दा दिलों से
अफ़्सुर्दगी निकले न जब अफ़्सुर्दा दिलों से ...
बुलंदी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है
बुलंदी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है
बुलंदी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है
बुलंदी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है ...
यूँ भी छुपता है भला वज्द में आया हुआ रंग
यूँ भी छुपता है भला वज्द में आया हुआ रंग ...
न भूला इज़्तिराब-ए-दम-शुमारी इंतिज़ार अपना
न भूला इज़्तिराब-ए-दम-शुमारी इंतिज़ार अपना ...