आ देख मिरी आँखों में इक बार मिरे यार
By mubashshir-saeedFebruary 27, 2024
आ देख मिरी आँखों में इक बार मिरे यार
रौशन हैं किसी हिज्र के आसार मिरे यार
ले जा तू रिफ़ाक़त के ये पल वस्ल का जंगल
रहने दे यहाँ हिज्र के आज़ार मिरे यार
मिल जाए जो मुझ ऐसा कोई मुझ को बहुत है
जुज़ इस के नहीं कुछ मुझे दरकार मिरे यार
ऐ क़ैस ये क्या नज्द की वहशत का असर है
अब ख़्वाब में आता है चमन-ज़ार मिरे यार
रौशन हैं किसी हिज्र के आसार मिरे यार
ले जा तू रिफ़ाक़त के ये पल वस्ल का जंगल
रहने दे यहाँ हिज्र के आज़ार मिरे यार
मिल जाए जो मुझ ऐसा कोई मुझ को बहुत है
जुज़ इस के नहीं कुछ मुझे दरकार मिरे यार
ऐ क़ैस ये क्या नज्द की वहशत का असर है
अब ख़्वाब में आता है चमन-ज़ार मिरे यार
16206 viewsghazal • Hindi