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जिस्म से रूह तक उतरती हुई

जिस्म से रूह तक उतरती हुई ...

farooq-noor

जब वो खिड़की से झाँकता होगा

जब वो खिड़की से झाँकता होगा ...

farooq-noor

घर की उलझन से तबी'अत यूँ रही उलझी हुई

घर की उलझन से तबी'अत यूँ रही उलझी हुई ...

farooq-noor

बस इक पुतला था मिट्टी से बना मैं

बस इक पुतला था मिट्टी से बना मैं ...

farooq-noor

बदन के साथ ही आशोब-ए-जाँ उठाए हुए

बदन के साथ ही आशोब-ए-जाँ उठाए हुए ...

farooq-noor

ये ख़ूबाँ शह्र के हम से बहुत हुश्यारी करते हैं

ये ख़ूबाँ शह्र के हम से बहुत हुश्यारी करते हैं ...

farhat-ehsas

ये 'इश्क़ वो है कि जिस का नशा न उतरेगा

ये 'इश्क़ वो है कि जिस का नशा न उतरेगा ...

farhat-ehsas

ये हुस्न आया है जब से हमारी बस्ती में

ये हुस्न आया है जब से हमारी बस्ती में ...

farhat-ehsas

वो कह रहे हैं जो हम से ख़ुदा की हम्द लिखें

वो कह रहे हैं जो हम से ख़ुदा की हम्द लिखें ...

farhat-ehsas

वो दिन भी आए कि हम ये 'अजीब खाना खाएँ

वो दिन भी आए कि हम ये 'अजीब खाना खाएँ ...

farhat-ehsas

उस के होंठों के भँवर गहरे क़यामत-ख़ेज़ हैं

उस के होंठों के भँवर गहरे क़यामत-ख़ेज़ हैं ...

farhat-ehsas

उसी सहरा के हम भी हैं जहाँ दीवाने जाते हैं

उसी सहरा के हम भी हैं जहाँ दीवाने जाते हैं ...

farhat-ehsas

शायद मैं अपने जिस्म से बाहर निकल गया

शायद मैं अपने जिस्म से बाहर निकल गया ...

farhat-ehsas

रात को दरकार था कुछ दास्तानी रंग का

रात को दरकार था कुछ दास्तानी रंग का ...

farhat-ehsas

क़दम क़दम है इक आफ़त शराब पीते हैं

क़दम क़दम है इक आफ़त शराब पीते हैं ...

farhat-ehsas

पहले दरिया से सहरा हो जाता हूँ

पहले दरिया से सहरा हो जाता हूँ ...

farhat-ehsas

न ये मुमकिन कि अपने दर्द को तहलील कर दूँ

न ये मुमकिन कि अपने दर्द को तहलील कर दूँ ...

farhat-ehsas

न बच्चे जानते हैं और न माएँ जानती हैं

न बच्चे जानते हैं और न माएँ जानती हैं ...

farhat-ehsas

मुशा'इरे नज़र आते हैं मंडियों की तरह

मुशा'इरे नज़र आते हैं मंडियों की तरह ...

farhat-ehsas

मैं जो भी ज़िंदगी सी कर रहा हूँ

मैं जो भी ज़िंदगी सी कर रहा हूँ ...

farhat-ehsas
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