सभी हिंदी शायरी

नक़ाब रुख़ से हटा दूँ अगर इजाज़त हो

नक़ाब रुख़ से हटा दूँ अगर इजाज़त हो ...

betab-amrohvi

लगा दी आग किसी ने दिल-ओ-जिगर में मिरे

लगा दी आग किसी ने दिल-ओ-जिगर में मिरे ...

betab-amrohvi

चाँद देखा कि बस वो याद आए

चाँद देखा कि बस वो याद आए ...

betab-amrohvi

बाज़ आ बाद-ए-बहाराँ ये शरारत क्या है

बाज़ आ बाद-ए-बहाराँ ये शरारत क्या है ...

betab-amrohvi

अश्क आँखों में क्यों बे-कराँ आ गए

अश्क आँखों में क्यों बे-कराँ आ गए ...

betab-amrohvi

अगर यूँ आईना देखा न जाए

अगर यूँ आईना देखा न जाए ...

betab-amrohvi

ज़िंदा लोग

मैं छाओं में जिन की

basit-azeem

सन्नाटे

रात के ये मुहीब सन्नाटे

basit-azeem

परिंदे

मैं इन परिंदों को जानता हूँ ...

basit-azeem

विग़ा में कोई भी ऐसा 'अदू नहीं आया

विग़ा में कोई भी ऐसा 'अदू नहीं आया ...

azwar-shirazi

मेरी आमद पे सजाते थे जो रस्ता मेरा

मेरी आमद पे सजाते थे जो रस्ता मेरा ...

azwar-shirazi

लो डूब गया फ़र्श-ए-‘अज़ा दीदा-ए-नम से

लो डूब गया फ़र्श-ए-‘अज़ा दीदा-ए-नम से ...

azwar-shirazi

जुनूँ के हाथ से ख़्वार-ओ-ख़जिल नहीं होता

जुनूँ के हाथ से ख़्वार-ओ-ख़जिल नहीं होता ...

azwar-shirazi

इतना न कर किसी को शनासा उखेड़ से

इतना न कर किसी को शनासा उखेड़ से ...

azwar-shirazi

हिज्र उस का मिरे आ'साब पे यूँ तारी था

हिज्र उस का मिरे आ'साब पे यूँ तारी था ...

azwar-shirazi

गो अब मिरे वुजूद पे सर है न दोश है

गो अब मिरे वुजूद पे सर है न दोश है ...

azwar-shirazi

फ़ौरन सिपाह-ए-शूम की ललकार बंद हो

फ़ौरन सिपाह-ए-शूम की ललकार बंद हो ...

azwar-shirazi

दुख तो ये है ज़िंदगी का ख़्वाब पूरा रह गया

दुख तो ये है ज़िंदगी का ख़्वाब पूरा रह गया ...

azwar-shirazi

अश्क टपका न मिरी आँख में ख़ूँ आया है

अश्क टपका न मिरी आँख में ख़ूँ आया है ...

azwar-shirazi

उस मुसाफ़िर के हरे लफ़्ज़ असर-दार हुए

उस मुसाफ़िर के हरे लफ़्ज़ असर-दार हुए ...

asim-qamar
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