अगर यूँ आईना देखा न जाए
By betab-amrohviFebruary 26, 2024
अगर यूँ आईना देखा न जाए
तुम्हारे मासिवा देखा न जाए
लगा लो मुझ को सीने से ख़ुदारा
कि दिल दिल से जुदा देखा न जाए
निकल जाए सनम-ख़ाने से आज़र
ये पत्थर का ख़ुदा देखा न जाए
तुम्हीं सोचो ज़माना क्या कहेगा
अगर अच्छा-बुरा देखा न जाए
शिकस्ता दिल गरेबाँ चाक 'बेताब'
ये हाल और आप का देखा न जाए
तुम्हारे मासिवा देखा न जाए
लगा लो मुझ को सीने से ख़ुदारा
कि दिल दिल से जुदा देखा न जाए
निकल जाए सनम-ख़ाने से आज़र
ये पत्थर का ख़ुदा देखा न जाए
तुम्हीं सोचो ज़माना क्या कहेगा
अगर अच्छा-बुरा देखा न जाए
शिकस्ता दिल गरेबाँ चाक 'बेताब'
ये हाल और आप का देखा न जाए
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