सभी हिंदी शायरी

एक ऊँचे मकाँ की बातें हैं

एक ऊँचे मकाँ की बातें हैं ...

khayal-laddakhi

एक टूटी कमान रखता हूँ

एक टूटी कमान रखता हूँ ...

khayal-laddakhi

क़ैदी

एक बार अपना बना कर जो मुझे छोड़ गई ...

khalilur-rahman-azmi

पैमान-ए-वफ़ा

मेरे घर की ये दीवारें जैसे पी कर बैठी हैं ...

khalilur-rahman-azmi

कुंज-ए-मोहब्बत

ये सुनसान रातें ये ठंडी हवाएँ ये फैली हुई तेरी यादों की ख़ुश्बू ...

khalilur-rahman-azmi

जिन रातों में नींद न आए

जिन रातों में नींद न आए ...

khalilur-rahman-azmi

दूरी

तुम भी अब न मिटा पाओगे ...

khalilur-rahman-azmi

भाई

पिछली रात को नींद न आई ...

khalilur-rahman-azmi

आख़िरी रात

मत बुझा दिल-ए-नादाँ ...

khalilur-rahman-azmi

ये तमन्ना नहीं अब दाद-ए-हुनर दे कोई

ये तमन्ना नहीं अब दाद-ए-हुनर दे कोई ...

khalilur-rahman-azmi

ये माना हम ने ये दुनिया अनोखी है निराली है

ये माना हम ने ये दुनिया अनोखी है निराली है ...

khalilur-rahman-azmi

वो हुस्न जिस को देख के कुछ भी कहा न जाए

वो हुस्न जिस को देख के कुछ भी कहा न जाए ...

khalilur-rahman-azmi

सोई है कली दिल की उस को भी जगा जाना

सोई है कली दिल की उस को भी जगा जाना ...

khalilur-rahman-azmi

पहले भी सहे हैं रंज बहुत पर ऐसी घड़ी कब आई है

पहले भी सहे हैं रंज बहुत पर ऐसी घड़ी कब आई है ...

khalilur-rahman-azmi

नहीं अब कोई ख़्वाब ऐसा तिरी सूरत जो दिखलाए

नहीं अब कोई ख़्वाब ऐसा तिरी सूरत जो दिखलाए ...

khalilur-rahman-azmi

मेरे आँगन को महका दो

मेरे आँगन को महका दो ...

khalilur-rahman-azmi

मैं तिरे ग़म में अब नहीं नाशाद

मैं तिरे ग़म में अब नहीं नाशाद ...

khalilur-rahman-azmi

लुट गया घर तो है अब सुब्ह कहीं शाम कहीं

लुट गया घर तो है अब सुब्ह कहीं शाम कहीं ...

khalilur-rahman-azmi

क्या क़यामत है कि हम ख़ुद ही कहें ख़ुद ही सुनें

क्या क़यामत है कि हम ख़ुद ही कहें ख़ुद ही सुनें ...

khalilur-rahman-azmi

ख़ुद चले आओ यहाँ या कि सदा दो हम को

ख़ुद चले आओ यहाँ या कि सदा दो हम को ...

khalilur-rahman-azmi
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