मेरे आँगन को महका दो

By khalilur-rahman-azmiFebruary 27, 2024
मेरे आँगन को महका दो
फिर जी चाहे मुझ को भुला दो
ओ रस्ते के चलते राही
मैं भी चलूँगा मुझ को दु'आ दो


ओ जी को ले जाने वालो
फिर मुझ को जीने की सज़ा दो
मेरी धरती बहुत है प्यासी
बादल बन कर रस बरसा दो


सोया सोया सा लगता है
मुझ को छेड़ो मुझ को जगा दो
मुझ को नींद नहीं आती है
अपनी चादर मुझे उढ़ा दो


छोटी सोहबतें लम्बी शामें
आओ इन का फ़र्क़ मिटा दो
मेरे संगी मेरे साथी
दूर पड़े हैं उन से मिला दो


50681 viewsghazalHindi