सभी हिंदी शायरी

जब कभी आया तो ज़िक्र-ए-मय-ए-गुलफ़ाम आया

जब कभी आया तो ज़िक्र-ए-मय-ए-गुलफ़ाम आया ...

khalilur-rahman-azmi

हवा के झोंके जो आएँ तो उन से कुछ न कहो

हवा के झोंके जो आएँ तो उन से कुछ न कहो ...

khalilur-rahman-azmi

दुनिया-दारी तो क्या आती दामन सीना सीख लिया

दुनिया-दारी तो क्या आती दामन सीना सीख लिया ...

khalilur-rahman-azmi

बस गई दिल में किस की रा'नाई

बस गई दिल में किस की रा'नाई ...

khalilur-rahman-azmi

अपनी बस्ती छोड़ कर परदेस में जाएँगे क्या

अपनी बस्ती छोड़ कर परदेस में जाएँगे क्या ...

khalilur-rahman-azmi

अगरचे ग़ैर के हाथों लहूलुहान हुआ

अगरचे ग़ैर के हाथों लहूलुहान हुआ ...

khalilur-rahman-azmi

अभी जी-भर के पी लो फिर न ये मौसम बदल जाए

अभी जी-भर के पी लो फिर न ये मौसम बदल जाए ...

khalilur-rahman-azmi

हम हो गए शहीद ये ए'ज़ाज़ तो मिला

हम हो गए शहीद ये ए'ज़ाज़ तो मिला

khalid-yusuf

टीवी का ये मज़ाक़ अदीबों के साथ है

टीवी का ये मज़ाक़ अदीबों के साथ है

khalid-irfan

बिकती है अब किताब भी कैसेट के रेट पे

बिकती है अब किताब भी कैसेट के रेट पे

khalid-irfan

बिछड़े थे जब ये लोग महीना था जून का

बिछड़े थे जब ये लोग महीना था जून का

khalid-irfan

कोई हँसाए तो हँस दूँ रुलाए रो लूँ मैं

कोई हँसाए तो हँस दूँ रुलाए रो लूँ मैं ...

khalid-alig

फ़क़ीर-ख़ाक-नशीं थे किसी को क्या देते

फ़क़ीर-ख़ाक-नशीं थे किसी को क्या देते ...

khalid-alig

सिर्फ़ चेहरा ही नज़र आता है आईने में

सिर्फ़ चेहरा ही नज़र आता है आईने में

khaleel-mamoon

सिर्फ़ चेहरा ही नज़र आता है आईने में

सिर्फ़ चेहरा ही नज़र आता है आईने में ...

khaleel-mamoon

मौसम

शाम के सहमे हुए लम्हात ...

kanwal-pradeep-mahajan

मैं तेरी मोहब्बत से ना-उमीद तो नहीं हूँ

इस ख़ामुशी से शब की ...

kanwal-pradeep-mahajan

अभी हर दास्ताँ अधूरी है

अभी हर दास्ताँ अधूरी है ...

kanwal-pradeep-mahajan

वो नग़मगीं सा सुख़न याद आ गया तेरा

वो नग़मगीं सा सुख़न याद आ गया तेरा ...

kanwal-pradeep-mahajan

उसे ख़याल में बाँधूँ कि ख़्वाब में देखूँ

उसे ख़याल में बाँधूँ कि ख़्वाब में देखूँ ...

kanwal-pradeep-mahajan
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