सभी हिंदी शायरी

लग रहा था यहीं कहीं हो तुम

लग रहा था यहीं कहीं हो तुम ...

aamir-azher

कोई अरमान ही नहीं पाया

कोई अरमान ही नहीं पाया ...

aamir-azher

जैसा जैसा हम ने चाहा वैसा वैसा हो गया

जैसा जैसा हम ने चाहा वैसा वैसा हो गया ...

aamir-azher

इस अंधेरे में कहाँ ताज़ा ख़याल आएगा

इस अंधेरे में कहाँ ताज़ा ख़याल आएगा ...

aamir-azher

ग़म उतारा गया सभी के लिए

ग़म उतारा गया सभी के लिए ...

aamir-azher

दर दरीचे के बिना और किसी छत के बग़ैर

दर दरीचे के बिना और किसी छत के बग़ैर ...

aamir-azher

बात किस किस से हो गई मेरी

बात किस किस से हो गई मेरी ...

aamir-azher

दफ़्न हैं साग़रों में हंगामे

दफ़्न हैं साग़रों में हंगामे

abdul-hamid-adam

मस्कन वहीं कहीं है वहीं आशियाँ कहीं

मस्कन वहीं कहीं है वहीं आशियाँ कहीं ...

agha-shayar-qazalbash

परी-पैकर जो मुझ वहशी का पैराहन बनाते हैं

परी-पैकर जो मुझ वहशी का पैराहन बनाते हैं ...

agha-hajju-sharaf

शहर-ए-दिल बे शबाब है कम है

शहर-ए-दिल बे शबाब है कम है ...

abu-leveeza-ali

शहर-ए-दोस्त

वो शहर-ए-दोस्त भी ...

farooq-bakshi

हर नफ़स आईना मौज-ए-फ़ना होता है

हर नफ़स आईना मौज-ए-फ़ना होता है ...

aish-meeruthi

ख़ाकसारी थी कि बिन देखे ही हम ख़ाक हुए

ख़ाकसारी थी कि बिन देखे ही हम ख़ाक हुए ...

ain-tabish

नज़्म

या मोहब्बत या वफ़ा ...

ahmar-sahaab

यूँ क़ैस दश्त में तन-ए-तन्हा मुक़ीम है

यूँ क़ैस दश्त में तन-ए-तन्हा मुक़ीम है ...

ahmar-nadeem

बरस कर खुल गया अब्र-ए-ख़िज़ाँ आहिस्ता आहिस्ता

बरस कर खुल गया अब्र-ए-ख़िज़ाँ आहिस्ता आहिस्ता ...

ahmad-mushtaq

अब न बहल सकेगा दिल अब न दिए जलाइए

अब न बहल सकेगा दिल अब न दिए जलाइए ...

ahmad-mushtaq

तुम ने गर मुझ को कभी दिल से पुकारा होता

तुम ने गर मुझ को कभी दिल से पुकारा होता ...

aatish-muradabadi

तुम भी रूठी रहो ये गवारा नहीं

तुम भी रूठी रहो ये गवारा नहीं ...

aatish-muradabadi
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