सभी हिंदी शायरी
ख़ुद ही संग-ओ-ख़िश्त ख़ुद ही सर-जुनून-ए-सर हूँ मैं
ख़ुद ही संग-ओ-ख़िश्त ख़ुद ही सर-जुनून-ए-सर हूँ मैं ...
मैं तुझ से जो माँगूँ तो यही माँगूँ कि मुझ को
मैं तुझ से जो माँगूँ तो यही माँगूँ कि मुझ को ...
ख़ुद ही संग-ओ-ख़िश्त ख़ुद ही सर-जुनून-ए-सर हूँ मैं ...
मैं तुझ से जो माँगूँ तो यही माँगूँ कि मुझ को ...