तुम्हें ये ग़म है कि अब चिट्ठियाँ नहीं आतीं

By charagh-sharmaFebruary 26, 2024
तुम्हें ये ग़म है कि अब चिट्ठियाँ नहीं आतीं
हमारी सोचो हमें हिचकियाँ नहीं आतीं
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