ज़िंदगी का नशा उतरने दे
By bhagwan-khilnani-saqiFebruary 26, 2024
ज़िंदगी का नशा उतरने दे
दिल में इक दर्द सा उभरने दे
मौत को फिर गले लगाएँगे
ज़ीस्त से पहले जी तो भरने दे
प्यार की और हुस्न की बातें
ख़्वाब हैं ख़्वाब को बिखरने दे
जिस में ख़ुशियाँ भी ग़म भी हों 'साक़ी'
ज़ीस्त को उस तरह गुज़रने दे
दिल में इक दर्द सा उभरने दे
मौत को फिर गले लगाएँगे
ज़ीस्त से पहले जी तो भरने दे
प्यार की और हुस्न की बातें
ख़्वाब हैं ख़्वाब को बिखरने दे
जिस में ख़ुशियाँ भी ग़म भी हों 'साक़ी'
ज़ीस्त को उस तरह गुज़रने दे
69339 viewsghazal • Hindi