याद भी उस की ख़्वाब की सी है

By aamir-ataFebruary 25, 2024
याद भी उस की ख़्वाब की सी है
एक लड़की हिजाब की सी है
चूमता हूँ सवाब जान के मैं
तू मुक़द्दस किताब की सी है


जो मिली है सवाब की ख़ातिर
ज़ीस्त वो भी 'अज़ाब की सी है
उस में ख़ुशबू रही न रंग रहा
अब वो सूखे गुलाब की सी है


ज़िक्र तेरा 'अता' के शे'र में है
तू ग़ज़ल पर शबाब की सी है
39420 viewsghazalHindi