उस के सिवा हर एक की मुश्किल में जान है

By nomaan-shauqueFebruary 28, 2024
उस के सिवा हर एक की मुश्किल में जान है
दर-अस्ल सिर्फ़ बाज़ू-ए-क़ातिल में जान है
इक सच भी गर ज़बान से निकले तो लोग-बाग
चिल्ला के दौड़ पड़ते हैं बिस्मिल में जान है


इस ख़ुद-अज़िय्यती को मोहब्बत कहेगा कौन
अच्छा हूँ मेरी जान कि मुश्किल में जान है
इस इक सदा की गूँज रहेगी गली-गली
ज़िंदा रहेगा शह्र कि साइल में जान है


ज़ख़्मी शिकार जान बचा कर निकल गया
या'नी शिकारियों की भी मुश्किल में जान है
समझा के हार हार गया जल-परी को मैं
अब भी समझ रही है कि साहिल में जान है


64669 viewsghazalHindi