उस आग ने दिया था बड़ा मर्तबा मुझे
By nomaan-shauqueFebruary 28, 2024
उस आग ने दिया था बड़ा मर्तबा मुझे
फ़ुर्सत मिले तो यार दुबारा जला मुझे
लिपटा के बोला इतना न आना किसी के पास
समझा रहा था 'इश्क़ का अच्छा बुरा मुझे
इक बार ऐसे छोड़ कि हासिल न हो सकूँ
आऊँ न अपने हाथ भी ऐसे गँवा मुझे
जितना बुरा समझता था उतना नहीं था वो
उस ने ही अपने ज़ह्र से अच्छा किया मुझे
मैं और मेरा 'इश्क़ अलग चीज़ हैं मियाँ
तुम ने भी किस तरंग में अपना लिया मुझे
फ़ुर्सत मिले तो यार दुबारा जला मुझे
लिपटा के बोला इतना न आना किसी के पास
समझा रहा था 'इश्क़ का अच्छा बुरा मुझे
इक बार ऐसे छोड़ कि हासिल न हो सकूँ
आऊँ न अपने हाथ भी ऐसे गँवा मुझे
जितना बुरा समझता था उतना नहीं था वो
उस ने ही अपने ज़ह्र से अच्छा किया मुझे
मैं और मेरा 'इश्क़ अलग चीज़ हैं मियाँ
तुम ने भी किस तरंग में अपना लिया मुझे
36104 viewsghazal • Hindi