साँचा वही घिसा हुआ फिर धर लिया गया

By nand-kishore-anhadFebruary 27, 2024
साँचा वही घिसा हुआ फिर धर लिया गया
कब आब-ओ-गिल से काम बराबर लिया गया
लाया नहीं गया 'अमल इस फ़ैसले पे क्यों
वो फ़ैसला जो सोच समझ कर लिया गया


फिर दस्तकें भी चाहिए होंगी ख़बर न थी
दीवार-ओ-बाम बेच के इक दर लिया गया
जिन बर्तनों को छोड़ गया ख़ाली कर के तू
यादों के कंकरों से उन्हें भर लिया गया


40372 viewsghazalHindi