घुटन है और 'अजब बेबसी हवा में है

By rashid-ansarFebruary 28, 2024
घुटन है और 'अजब बेबसी हवा में है
यक़ीन जान बड़ी तिश्नगी हवा में है
ये कौन हो गया रुख़्सत मिले बग़ैर हमें
है सोगवार नगर ख़ामुशी हवा में है


हर एक फूल घुटन का शिकार लगता है
ज़रा पता तो करो क्या कमी हवा में है
तुम्हारे शहर के सब लोग बदमिज़ाज हुए
करख़्त लहजे हैं और बे-रुख़ी हवा मैं है


फ़लक से आने लगीं क़हक़हों की आवाज़ें
गुमान होने लगा ज़िंदगी हवा में है
लिखा है नाम तिरा रात की हथेली पर
जहाँ महकने लगा है ख़ुशी हवा में है


तिरी ग़ज़ल में जो एहसास है नए-पन का
ये उस का फ़ैज़ है या ताज़गी हवा में है
78181 viewsghazalHindi