रातों की नींद उड़ गई दिन का सुकूँ गया

By naqui-niaziFebruary 27, 2024
रातों की नींद उड़ गई दिन का सुकूँ गया
हाथों से अपना हाल मोहब्बत में यूँ गया
आँखें गईं हवास गए हम बिखर गए
जब सब चला गया तो निकल कर जुनूँ गया


दिल मिस्ल-ए-गुलसिताँ था ख़िज़ाँ में उजड़ गया
आँखों से क़तरा-क़तरा निकल कर के ख़ूँ गया
उस से जो आँखें चार हुईं तो ग़ज़ब हुईं
नज़रों से आज मेरे जिगर तक फ़ुसूँ गया


बतलाओ अहल-ए-अस्र को अहवाल-ए-दिल 'नक़ी'
तन से अबा व सर से अमामा ये क्यों गया
49753 viewsghazalHindi