पूरे मजमे' को लाजवाब किया
By aamir-ataFebruary 25, 2024
पूरे मजमे' को लाजवाब किया
हुस्न पर उस ने जब ख़िताब किया
'उम्र भर फिर नहीं हुए नाकाम
तू ने जिस जिस को कामयाब किया
तेरे जाते ही खुल गईं आँखें
नींद आधी की पूरा ख़्वाब किया
हाल अच्छा था अब तलक मेरा
पूछ कर तू ने सब ख़राब किया
एहतिरामन सभी ख़ुतूत तिरे
जा के साहिल पे ग़र्क़-ए-आब किया
सिफ़्र बचता है दिल के ख़ाने में
मैं ने ख़ुशियों का जब हिसाब किया
शुक्र सद-शुक्र ऐसी ग़ुर्बत का
जिस ने अपनों को बे-नक़ाब किया
लग गई उस की नौकरी जिस ने
जी-हुज़ूर और जी जनाब किया
हुस्न पर उस ने जब ख़िताब किया
'उम्र भर फिर नहीं हुए नाकाम
तू ने जिस जिस को कामयाब किया
तेरे जाते ही खुल गईं आँखें
नींद आधी की पूरा ख़्वाब किया
हाल अच्छा था अब तलक मेरा
पूछ कर तू ने सब ख़राब किया
एहतिरामन सभी ख़ुतूत तिरे
जा के साहिल पे ग़र्क़-ए-आब किया
सिफ़्र बचता है दिल के ख़ाने में
मैं ने ख़ुशियों का जब हिसाब किया
शुक्र सद-शुक्र ऐसी ग़ुर्बत का
जिस ने अपनों को बे-नक़ाब किया
लग गई उस की नौकरी जिस ने
जी-हुज़ूर और जी जनाब किया
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