पूछता है मुझ से क्या हो जाऊँ मैं

By nomaan-shauqueFebruary 28, 2024
पूछता है मुझ से क्या हो जाऊँ मैं
ये इशारा है फ़ना हो जाऊँ मैं
एक रक’अत की नहीं कोई नमाज़
तू 'अता हो तो अदा हो जाऊँ मैं


इम्तिहाँ ले लूँ मैं साज़िंदों का क्या
गाते गाते बे-सुरा हो जाऊँ मैं
तू किसी का है मगर है तो वही
क्या पता फिर मुब्तला हो जाऊँ मैं


उस की पहली ही नज़र है कीमिया
देख ले तो दूसरा हो जाऊँ मैं
सोच लो अच्छी तरह ऐसा न हो
इंतिक़ामन बा-वफ़ा हो जाऊँ मैं


89430 viewsghazalHindi