पतंग ऊँची उड़ानी चाहिए थी
By kunaal-barkadeFebruary 27, 2024
पतंग ऊँची उड़ानी चाहिए थी
कि सरहद पार जानी चाहिए थी
ग़ुरूर उस बात का हम पाल बैठे
कि जिस पर शर्म आनी चाहिए थी
चुका सकते नहीं क़ीमत अलग बात
मगर बोली लगानी चाहिए थी
उसी दिन कैसे ज़िंदा हो गए हम
कि जिस दिन मौत आनी चाहिए थी
हमें खाना न खाना चाहिए था
कि तुम से डाँट खानी चाहिए थी
कि सरहद पार जानी चाहिए थी
ग़ुरूर उस बात का हम पाल बैठे
कि जिस पर शर्म आनी चाहिए थी
चुका सकते नहीं क़ीमत अलग बात
मगर बोली लगानी चाहिए थी
उसी दिन कैसे ज़िंदा हो गए हम
कि जिस दिन मौत आनी चाहिए थी
हमें खाना न खाना चाहिए था
कि तुम से डाँट खानी चाहिए थी
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