अपने होंठों पे जो दु'आ रखता
By nazar-dwivediFebruary 27, 2024
अपने होंठों पे जो दु'आ रखता
फिर किसी से न वो गिला रखता
सिर्फ़ कासा लिए फिरा हर दम
मैं तो साइल था और क्या रखता
माँगते तो सभी हैं दुनिया में
किस को देना है वो पता रखता
रोग ऐसा है 'इश्क़ का यारो
कब किसी को वो काम का रखता
जिस को देता सुख़न-वरी ईश्वर
उस की क़िस्मत में रतजगा रखता
फ़ैसले का पता था पहले से
मैं भी अपनी दलील क्या रखता
सब को देता ख़ुशी वो दुनिया में
सब का ऊँचा वो मर्तबा रखता
फिर किसी से न वो गिला रखता
सिर्फ़ कासा लिए फिरा हर दम
मैं तो साइल था और क्या रखता
माँगते तो सभी हैं दुनिया में
किस को देना है वो पता रखता
रोग ऐसा है 'इश्क़ का यारो
कब किसी को वो काम का रखता
जिस को देता सुख़न-वरी ईश्वर
उस की क़िस्मत में रतजगा रखता
फ़ैसले का पता था पहले से
मैं भी अपनी दलील क्या रखता
सब को देता ख़ुशी वो दुनिया में
सब का ऊँचा वो मर्तबा रखता
11084 viewsghazal • Hindi