नाम से उस के पुकारूँ ख़ुद को
By nomaan-shauqueFebruary 28, 2024
नाम से उस के पुकारूँ ख़ुद को
आज हैरान ही कर दूँ ख़ुद को
दस्त-बरदार हुआ वो मुझ से
अब मैं जिस तरह लुटाऊँ ख़ुद को
मेरे हिस्से में मिरा कुछ भी नहीं
उस से मिल जाऊँ तो पाऊँ ख़ुद को
नाम ही ले ले तुम्हारा कोई
दोनों हाथों से लुटाऊँ ख़ुद को
बन चुका जितना मुझे बनना था
छीन कर चाक से फेंकूँ ख़ुद को
आज हैरान ही कर दूँ ख़ुद को
दस्त-बरदार हुआ वो मुझ से
अब मैं जिस तरह लुटाऊँ ख़ुद को
मेरे हिस्से में मिरा कुछ भी नहीं
उस से मिल जाऊँ तो पाऊँ ख़ुद को
नाम ही ले ले तुम्हारा कोई
दोनों हाथों से लुटाऊँ ख़ुद को
बन चुका जितना मुझे बनना था
छीन कर चाक से फेंकूँ ख़ुद को
96920 viewsghazal • Hindi