न मुझ को कभी ग़म 'अता कीजिएगा
By manish-mohakFebruary 27, 2024
न मुझ को कभी ग़म 'अता कीजिएगा
क़सम है ख़ुदा की वफ़ा कीजिएगा
ख़ुशी ही ख़ुशी हो मिरी ज़िंदगी में
सलामत रहूँ मैं दु'आ कीजिएगा
किसे थी ख़बर जिस चमन में ख़िज़ाँ है
उसे आप फिर से हरा कीजिएगा
मोहब्बत मोहब्बत अरे हाँ मोहब्बत
किसी से न मेरे सिवा कीजिएगा
तरस जाइएगा मोहब्बत की ख़ातिर
अगर माँ को दिल से जुदा कीजिएगा
फ़क़त मैं नहीं आप भी रोएँगे फिर
अगर साथ मेरे दग़ा कीजिएगा
दुखाया है दिल आप का सब ने 'मोहक'
किसी से न लेकिन गिला कीजिएगा
क़सम है ख़ुदा की वफ़ा कीजिएगा
ख़ुशी ही ख़ुशी हो मिरी ज़िंदगी में
सलामत रहूँ मैं दु'आ कीजिएगा
किसे थी ख़बर जिस चमन में ख़िज़ाँ है
उसे आप फिर से हरा कीजिएगा
मोहब्बत मोहब्बत अरे हाँ मोहब्बत
किसी से न मेरे सिवा कीजिएगा
तरस जाइएगा मोहब्बत की ख़ातिर
अगर माँ को दिल से जुदा कीजिएगा
फ़क़त मैं नहीं आप भी रोएँगे फिर
अगर साथ मेरे दग़ा कीजिएगा
दुखाया है दिल आप का सब ने 'मोहक'
किसी से न लेकिन गिला कीजिएगा
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