मुद्दतों बा'द शब-ए-माह उसे देखा था
By jamal-ehsaniFebruary 26, 2024
मुद्दतों बा'द शब-ए-माह उसे देखा था
पर किसी और के हमराह उसे देखा था
क्या ख़बर थी कि कहानी कोई बन जाएगी
मैं ने कल बज़्म में नागाह उसे देखा था
वस्ल की रात सितारों ने बड़ी हसरत से
गाह देखा था मुझे गाह उसे देखा था
लोग उसे ढूँढने निकले तो ये मा'लूम हुआ
जिस ने देखा था सर-ए-राह उसे देखा था
आज इक 'उम्र के बा'द उस से मिला था लेकिन
अपने अहवाल से आगाह उसे देखा था
उस का क्या ठीक कि लोगों ने ब-यक-वक़्त 'जमाल'
सर-ए-मय-ख़ाना-ओ-दरगाह उसे देखा था
पर किसी और के हमराह उसे देखा था
क्या ख़बर थी कि कहानी कोई बन जाएगी
मैं ने कल बज़्म में नागाह उसे देखा था
वस्ल की रात सितारों ने बड़ी हसरत से
गाह देखा था मुझे गाह उसे देखा था
लोग उसे ढूँढने निकले तो ये मा'लूम हुआ
जिस ने देखा था सर-ए-राह उसे देखा था
आज इक 'उम्र के बा'द उस से मिला था लेकिन
अपने अहवाल से आगाह उसे देखा था
उस का क्या ठीक कि लोगों ने ब-यक-वक़्त 'जमाल'
सर-ए-मय-ख़ाना-ओ-दरगाह उसे देखा था
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