मंसब से मोहब्बत की सुबुक-दोश हुआ मैं

By nomaan-shauqueFebruary 28, 2024
मंसब से मोहब्बत की सुबुक-दोश हुआ मैं
आवाज़ लगाते रहो ख़ामोश हुआ मैं
इस बार वो शो'ला नए अंदाज़ से भड़का
इक आन में सौ-बार सियह-पोश हुआ मैं


ईमान का फ़ुक़्दान तो पहले की तरह था
इक ना'रा-ए-तकबीर से पुर-जोश हुआ मैं
कुछ नक़्स था तौबा में उसी की तो हुआ ये
याद आ गया यक-लख़्त फ़रामोश हुआ मैं


इस बार तिरे जिस्म की ख़ुश्बू ही अलग थी
पत्थर हुआ जाता था हम-आग़ोश हुआ मैं
इसरार था ऐ’लान-ए-मोहब्बत पे सभी को
इस दर्जा बढ़ा शोर गिराँ-गोश हुआ मैं


64036 viewsghazalHindi