लौ जो घर का दिया नहीं देता

By rizwan-aliFebruary 28, 2024
लौ जो घर का दिया नहीं देता
शम'-ए-दिल क्यों जला नहीं देता
माँगने का अगर सलीक़ा हो
माँगने से वो क्या नहीं देता


टूटा दिल और टूट जाता है
दोस्त जब हौसला नहीं देता
जानता है वफ़ा के जो मा'नी
दोस्त बन के दग़ा नहीं देता


भीड़ को चीर कर निकलता हूँ
जब कोई रास्ता नहीं देता
जो कभी बेवफ़ा ने लिक्खे थे
तो वो ख़त क्यों जला नहीं देता


अब मिरा दिल भी किस लिए 'रिज़वान'
शब-ए-ग़म में ज़िया नहीं देता
93926 viewsghazalHindi