लाख कोई चीख़े चिल्लाए शोर अन्दर कब आता है
By nomaan-shauqueFebruary 28, 2024
लाख कोई चीख़े चिल्लाए शोर अन्दर कब आता है
उन की बस्ती के नक़्शे में अपना घर कब आता है
जाने कब से जाग रहे हैं बस इतना बतला दो अब
जिस के ख़्वाब दिखाते हो तुम वो मंज़र कब आता है
गुमराही फैलाने वाले रोज़ अंधेरा लाते हैं
रोज़ हिदायत देने वाला पैग़म्बर कब आता है
उस की आँखें पल दो पल ही तो चेहरे से हटती हैं
दिल का सारा दर्द सिमट कर होंठों पर कब आता है
वो तो ये ही कहेंगे सारा जंगल बिल्कुल चैन से है
उन की शाख़ पे कोई परिंदा ख़ून में तर कब आता है
उन की बस्ती के नक़्शे में अपना घर कब आता है
जाने कब से जाग रहे हैं बस इतना बतला दो अब
जिस के ख़्वाब दिखाते हो तुम वो मंज़र कब आता है
गुमराही फैलाने वाले रोज़ अंधेरा लाते हैं
रोज़ हिदायत देने वाला पैग़म्बर कब आता है
उस की आँखें पल दो पल ही तो चेहरे से हटती हैं
दिल का सारा दर्द सिमट कर होंठों पर कब आता है
वो तो ये ही कहेंगे सारा जंगल बिल्कुल चैन से है
उन की शाख़ पे कोई परिंदा ख़ून में तर कब आता है
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