कुछ नहीं तेरे मेरे में

By jamal-ehsaniFebruary 26, 2024
कुछ नहीं तेरे मेरे में
सब हैं एक अंधेरे में
कौन फ़लक पे टहलता है
हल्के हल्के सवेरे में


एक चराग़ हूँ मिट्टी का
दूर-दराज़ अंधेरे में
फ़िक्र कर अगले पड़ाव की
बैठ फ़क़ीर के डेरे में


बोझ ज़ियादा उठाना पड़े
शायद दूसरे फेरे में
आसमान पर रौशन हैं
सात सितारे घेरे में


चुपके से खिल उठ्ठा है
एक गुलाब अंधेरे में
मछली का सब झगड़ा है
दरिया और मछेरे में


99030 viewsghazalHindi