ख़ाक सहराओं में उड़ाने का
By farooq-noorFebruary 6, 2024
ख़ाक सहराओं में उड़ाने का
क्या 'अजब शौक़ है दिवाने का
एक ला-मुन्तहाई रिश्ता है
तेरी ज़ुल्फ़ों से मेरे शाने का
पा लिया है किसी तरह जो उसे
ख़ौफ़ रहने लगा गँवाने का
क्या भुगतना पड़ा है ख़म्याज़ा
इस ख़राबे से दिल लगाने का
आँख पत्थर हुई है रस्तों पर
इंतिज़ार और तेरे आने का
अब बहाना तलाश करता हूँ
तेरी सूरत को भूल जाने का
'नूर' इंसान शाहकार हुआ
क़ुदरत-ए-हक़ के कार-ख़ाने का
क्या 'अजब शौक़ है दिवाने का
एक ला-मुन्तहाई रिश्ता है
तेरी ज़ुल्फ़ों से मेरे शाने का
पा लिया है किसी तरह जो उसे
ख़ौफ़ रहने लगा गँवाने का
क्या भुगतना पड़ा है ख़म्याज़ा
इस ख़राबे से दिल लगाने का
आँख पत्थर हुई है रस्तों पर
इंतिज़ार और तेरे आने का
अब बहाना तलाश करता हूँ
तेरी सूरत को भूल जाने का
'नूर' इंसान शाहकार हुआ
क़ुदरत-ए-हक़ के कार-ख़ाने का
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