ख़ाक ले जाएँ यहाँ से कि हवा ले जाएँ

By jamal-ehsaniFebruary 26, 2024
ख़ाक ले जाएँ यहाँ से कि हवा ले जाएँ
क्या तिरे शहर में हम छोड़ दें क्या ले जाएँ
बहर-ए-ग़म हम से भी पैराक न देखे होंगे
डूबते जाएँ मगर ख़ुद को सँभाले जाएँ


ख़ुश्क पत्तों पे न तहरीर-ए-मोहब्बत लिक्खो
कल कहीं इन को हवाएँ न उड़ा ले जाएँ
जान माँगे है बहुत उन से त'अल्लुक़ रखना
जो बिछड़ने के लिए राह निकाले जाएँ


हारने वालों ने इस रुख़ से भी सोचा होगा
सर कटाना है तो हथियार न डाले जाएँ
49623 viewsghazalHindi