कशाकशी को जो तैयार भी नहीं रहते

By haris-bilalFebruary 6, 2024
कशाकशी को जो तैयार भी नहीं रहते
जहाँ में ऐसों के आसार भी नहीं रहते
वो ख़ुश है जिस को कुशादा-दिली मयस्सर है
कि तंग रास्ते हमवार भी नहीं रहते


ज़मीं से कट के फ़लक हर किसी का होता गया
बिछड़ने वालों के मे'यार भी नहीं रहते
जो काम पहले-पहल मुम्किनात में भी न हों
समय के साथ वो दुश्वार भी नहीं रहते


ज़ियादा दूर 'अदू भी नहीं हुए मुझ से
बहुत क़रीब मिरे यार भी नहीं रहते
जहाँ पे अपने ही रहने न दें वहाँ 'हारिस'
ब-वज्ह-ए-ता’ना-ए-अग़्यार भी नहीं रहते


38313 viewsghazalHindi