कभी सोचा है कुछ अच्छा बुरा क्या
By nomaan-shauqueFebruary 28, 2024
कभी सोचा है कुछ अच्छा बुरा क्या
तो अब रोने की ख़ातिर सोचना क्या
मिरी आँखों में दुनिया भर गई है
मैं हैराँ हूँ तिरा जादू हुआ क्या
उसे अच्छा लगा कल साथ मेरा
वो तन्हाई से इतना डर गया क्या
ख़ुशी चेहरे से छलकी पड़ रही है
तुझे इस ख़ाक-दाँ से कुछ मिला क्या
तो अब रोने की ख़ातिर सोचना क्या
मिरी आँखों में दुनिया भर गई है
मैं हैराँ हूँ तिरा जादू हुआ क्या
उसे अच्छा लगा कल साथ मेरा
वो तन्हाई से इतना डर गया क्या
ख़ुशी चेहरे से छलकी पड़ रही है
तुझे इस ख़ाक-दाँ से कुछ मिला क्या
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