कब किसी मेहरबाँ से आती है
By nazar-dwivediFebruary 27, 2024
कब किसी मेहरबाँ से आती है
'अक़्ल तो इम्तिहाँ से आती है
उस परिंदे को क्या पता उस की
मौत उड़ कर कमाँ से आती है
ख़ाक करती है आशियाँ कितने
बर्क़ जब आसमाँ से आती है
हाथ दिल पर रखा कहा उस ने
शादमानी यहाँ से आती है
उजड़ा उजड़ा है ये मकाँ लेकिन
इस में ख़ुशबू कहाँ से आती है
जैसी रखता है आदमी फ़ितरत
सामने वो बयाँ से आती है
जन्म देते हैं माँ पिता लेकिन
मौत आख़िर कहाँ से आती है
घर में रहती है माँ 'नज़र' जब तक
रौशनी आशियाँ से आती है
'अक़्ल तो इम्तिहाँ से आती है
उस परिंदे को क्या पता उस की
मौत उड़ कर कमाँ से आती है
ख़ाक करती है आशियाँ कितने
बर्क़ जब आसमाँ से आती है
हाथ दिल पर रखा कहा उस ने
शादमानी यहाँ से आती है
उजड़ा उजड़ा है ये मकाँ लेकिन
इस में ख़ुशबू कहाँ से आती है
जैसी रखता है आदमी फ़ितरत
सामने वो बयाँ से आती है
जन्म देते हैं माँ पिता लेकिन
मौत आख़िर कहाँ से आती है
घर में रहती है माँ 'नज़र' जब तक
रौशनी आशियाँ से आती है
85643 viewsghazal • Hindi