जिस्म के सब पैमाने उल्टे हो जाते हैं
By farhat-ehsasFebruary 6, 2024
जिस्म के सब पैमाने उल्टे हो जाते हैं
हम उस की आग़ोश में बच्चे हो जाते हैं
ख़ूब जुनूँ करते हैं दिल दुखता है जब भी
और इस पागलपन में अच्छे हो जाते हैं
वस्ल से पहले ख़ून में नहलाती है मोहब्बत
झूठे भी हों जिस्म तो सच्चे हो जाते हैं
मेरे बदन को क्या शौक़-ए-पसमांदगी है
फल मेरे पक कर फिर कच्चे हो जाते हैं
जीने की रफ़्तार है तेज़ और मरने की भी
सारे काम अब वक़्त से पहले हो जाते हैं
हम उस की आग़ोश में बच्चे हो जाते हैं
ख़ूब जुनूँ करते हैं दिल दुखता है जब भी
और इस पागलपन में अच्छे हो जाते हैं
वस्ल से पहले ख़ून में नहलाती है मोहब्बत
झूठे भी हों जिस्म तो सच्चे हो जाते हैं
मेरे बदन को क्या शौक़-ए-पसमांदगी है
फल मेरे पक कर फिर कच्चे हो जाते हैं
जीने की रफ़्तार है तेज़ और मरने की भी
सारे काम अब वक़्त से पहले हो जाते हैं
99355 viewsghazal • Hindi