जल्सा नहीं जुलूस नहीं शा'इरी नहीं

By nomaan-shauqueFebruary 28, 2024
जल्सा नहीं जुलूस नहीं शा'इरी नहीं
हालत हमारी फिर भी किसी से छुपी नहीं
पैग़ाम से 'इलाज न कर आ के नब्ज़ देख
साँसें मिली हुई हैं मगर ज़िंदगी नहीं


बोला बिगड़ के वो मिरे इसरार-ए-वस्ल पर
मैं ने कहा नहीं तो समझ वाक़'ई नहीं
कल रात वो यक़ीन दिला ही गया मुझे
इस ज़िंदगी के बा'द कोई ज़िंदगी नहीं


दुनिया के सब ख़ुदाओं का जम्म-ए-ग़फ़ीर था
बंदे की एक 'अर्ज़ किसी ने सुनी नहीं
ख़ुद ही कहा करो मिरी ता'रीफ़ शे'र में
ख़ुद ही कहा कि ये तो कोई शा'इरी नहीं


21290 viewsghazalHindi