जैसे चलती है ज़माने की हवा अच्छी है
By bhagwan-khilnani-saqiFebruary 26, 2024
जैसे चलती है ज़माने की हवा अच्छी है
घर के आराम से बाहर की बला अच्छी है
शरबती ज़हर से कड़वी सी दवा अच्छी है
दोस्त के धोके से दुश्मन की जफ़ा अच्छी है
इस लिए रूठ के मैं देखना चाहूँगा ज़रूर
कहते हैं तेरे मनाने की अदा अच्छी है
देख कर शीश-महल मेरा ये दौलत मेरी
हर बुरी बात को लोगों ने कहा अच्छी है
ज़िंदगी है तो बुरी भी है भली भी 'साक़ी'
मुझ में दोनों से उलझने की कला अच्छी है
घर के आराम से बाहर की बला अच्छी है
शरबती ज़हर से कड़वी सी दवा अच्छी है
दोस्त के धोके से दुश्मन की जफ़ा अच्छी है
इस लिए रूठ के मैं देखना चाहूँगा ज़रूर
कहते हैं तेरे मनाने की अदा अच्छी है
देख कर शीश-महल मेरा ये दौलत मेरी
हर बुरी बात को लोगों ने कहा अच्छी है
ज़िंदगी है तो बुरी भी है भली भी 'साक़ी'
मुझ में दोनों से उलझने की कला अच्छी है
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