जब से हम ने बाज़ुओं में ज़ोर पैदा कर लिया

By farhat-ehsasFebruary 6, 2024
जब से हम ने बाज़ुओं में ज़ोर पैदा कर लिया
जिस्म-ओ-जाँ की ख़ामुशी में शोर पैदा कर लिया
रूह में चमके 'अजब कुछ रंग इस बरसात में
हम ने भी जंगल में अपना मोर पैदा कर लिया


हो गया था जम' आँखों में बहुत ख़्वाबों का माल
चश्म-ए-तर की शक्ल में इक चोर पैदा कर लिया
जंगलों को काट कर कैसा ग़ज़ब हम ने किया
शह्र जैसा एक आदम-ख़ोर पैदा कर लिया


मतला’-ए-जाँ हर घड़ी रहता है अब्र-आलूद-ए-शे'र
हम ने ये बादल 'अजब घनघोर पैदा कर लिया
एक खिड़की सी खुली रक्खी है दुनिया की तरफ़
इक बड़ा दरवाज़ा अपनी ओर पैदा कर लिया


हम रहे 'एहसास' जी के हल्क़ा-ए-तदरीस में
अपने शे'रों में बला का ज़ोर पैदा कर लिया
22721 viewsghazalHindi