इस सफ़र में तो वो बीती है कि कुछ भी मत पूछ
By salim-saleemFebruary 28, 2024
इस सफ़र में तो वो बीती है कि कुछ भी मत पूछ
हम तिरे जिस्म से गुज़रे हैं तो जाँ तक पहुँचे
हम तो खोए गए ऐसे कि ख़बर ही न हुई
अपने होने से न होने के निशाँ तक पहुँचे
मुड़ के देखा तो फ़क़त अपनी ही परछाईं थी
हम यक़ीनों के त'आक़ुब में गुमाँ तक पहुँचे
हम तिरे जिस्म से गुज़रे हैं तो जाँ तक पहुँचे
हम तो खोए गए ऐसे कि ख़बर ही न हुई
अपने होने से न होने के निशाँ तक पहुँचे
मुड़ के देखा तो फ़क़त अपनी ही परछाईं थी
हम यक़ीनों के त'आक़ुब में गुमाँ तक पहुँचे
30133 viewsghazal • Hindi