इन गर्म आँसुओं की रवानी में साथ दे
By hamza-bilalFebruary 26, 2024
इन गर्म आँसुओं की रवानी में साथ दे
ऐ शाम उन की याद-दहानी में साथ दे
बनवास काट लेंगे मगर एक शर्त है
शबरी हमारी राम कहानी में साथ दे
पीरी में भी तो ख़्वाहिशें हो सकती हैं जवाँ
वो दिल ही क्या जो सिर्फ़ जवानी में साथ दे
सहरा से आए क़ैस ये फ़रहाद कोह से
कोई तो हो जो अश्क-फ़िशानी में साथ दे
नादानियों से मिसरा’-ए-अव्वल बिगड़ गया
अल्लाह मेरा मिसरा’-ए-सानी में साथ दे
ऐ शाम उन की याद-दहानी में साथ दे
बनवास काट लेंगे मगर एक शर्त है
शबरी हमारी राम कहानी में साथ दे
पीरी में भी तो ख़्वाहिशें हो सकती हैं जवाँ
वो दिल ही क्या जो सिर्फ़ जवानी में साथ दे
सहरा से आए क़ैस ये फ़रहाद कोह से
कोई तो हो जो अश्क-फ़िशानी में साथ दे
नादानियों से मिसरा’-ए-अव्वल बिगड़ गया
अल्लाह मेरा मिसरा’-ए-सानी में साथ दे
44879 viewsghazal • Hindi